मिलते हैं कई लोगों से हर रोज़
कबी अपने आप से मिलकर देको
कई उमंगें दबे है दिल में
कई शिकायतें बारे हैं मन में
मिलते हैं कई लोगों से हर रोज़
कबी अपने आप से मिलकर देको
कोई दोस्त प्यार से है करते इंतज़ार
और कोई दुश्मन है बड़े बेकरार
अपना कौन है खुदी पहचानो
जिन्दगी कोई क़र्ज़ नहीं
दौड़े चुकाने के लिए
जिन्दगी कोई बोज नहीं
कहीं उतारने के लिए
जिन्दगी एक पल नहीं
जीके सोने के लिए
जिन्दगी एक प्यार है दुनिया को बांटने के लिए
जिन्दगी एक एहसास है हर पल जीने के लिए